गर्भवती महिलाओं के लिए “सहेली” पहल की शुरुआत
- हरियाणा सरकार का एक सराहनीय कदम
चंडीगढ़, 11 अप्रैल - हरियाणा में हर वह गर्भवती महिला जिसके पास पहले लड़की है, को एक समर्पित देखभालकर्ता “सहेली” प्रदान की जाएगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या की गंभीर समस्या से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सशक्त और सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। पूरे राज्य में प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (PC&PNDT) एक्ट को कड़ाई से लागू किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस कानून के कार्यान्वयन की नियमित निगरानी के लिए एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स लगातार फील्ड विज़िट कर रही है तथा समीक्षा बैठकें भी आयोजित कर रही है। इसके अलावा कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रही है।
प्रवक्ता ने आगे जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, यह तय किया है कि हर वह गर्भवती महिला जिसके पास पहले लड़की है, को एक समर्पित देखभालकर्ता “सहेली” प्रदान की जाएगी। यह “सहेली” महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWW) या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की आशा कार्यकर्ता (ASHA) होगी। “सहेली” गर्भवती महिला को गर्भावस्था की पहली या दूसरी तिमाही से लेकर शिशु के सुरक्षित प्रसव तक निरंतर सहयोग और देखभाल प्रदान करेगी।
स्वास्थ्य सचिव ने एक संयुक्त बैठक में स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम और महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए कि एनएचएम , गर्भवती महिलाओं से संबंधित डेटा महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ साझा करेगा। इस डेटा के आधार पर, महिला एवं बाल विकास विभाग प्रत्येक पात्र गर्भवती महिला के लिए एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एनएचएम एक आशा कार्यकर्ता नियुक्त करेगा।
उन्होंने बताया कि नियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या आशा उस महिला की “सहेली” के रूप में कार्य करेगी और मातृत्व देखभाल व भावनात्मक समर्थन के लिए उसका मुख्य संपर्क सूत्र बनेगी।
एनएचएम और महिला एवं बाल विकास विभाग , दोनों को निर्देशित किया गया है कि हरियाणा की प्रत्येक गर्भवती महिला को तुरंत प्रभाव से एक “सहेली” प्रदान की जाए। इस पहल के माध्यम से हरियाणा सरकार का उद्देश्य है कि गर्भवती महिलाओं की समग्र हित को बढ़ावा मिले, सुरक्षित प्रसव को प्रोत्साहन मिले और प्रसव पूर्व देखभाल में लिंग आधारित भेदभाव समाप्त हो। आज से, हरियाणा में हर गर्भवती महिला के साथ होगी उसकी “सहेली” – जो उसके गर्भावस्था के पूरे सफर में उसकी साथी, सहारा और देखभालकर्ता बनेगी।