जिला बरनाला के गांव पंडोरी का गरीब किसान का बेटा देवेंद्र सिंह इंग्लैंड (ब्रिटेन) की आर्मी में हुआ भर्ती, छोटी उम्र में सिर से उठ गया था पिता का साया,
बरनाला के हल्का महलकला के गांव पंडोरी का दविंदर सिंह बोपाराय जो पिछले डेढ़ साल पहले स्टडी वीजा पर इंग्लैंड (ब्रिटेन) गया था और पिछले दिनों इंग्लैंड में फौजी की भर्ती शुरू हुई देवेंद्र ने टेस्ट क्लियर किया और आज गांव पंडोरी का नौजवान देवेंद्र सिंह इंग्लैंड आर्मी का हो चुका है परिवार में खुशी की लहर,
आज परिवार और गांव में खुशी की लहर, लोग बधाई देने और मुंह मीठा करने घर पहुंच रहे हैं,
एक मां की मेहनत रंग लाई मां ने कहा जब दविंदर जब महज 5 साल का था उसके पिता की कैंसर से मौत हो गई थी उसने आंगनवाड़ी में काम करके परिवार चलाया और वह गरीब किसान हैं मां ने कहा डेढ़ एकड़ जमीन के सहारे पाला अपने बच्चों को,
फौजी दविंदर सिंह के पिता बसंत सिंह जो बोन कैंसर से पीड़ित थे जिनकी तकरीबन 20 साल पहले मौत हो चुकी है और इस समय दौरान देवेंद्र सिंह के ताऊजी की भी किसी हादसे में मौत हो गई थी उस समय देवेंद्र की उम्र तकरीबन 5 साल होगी, घर में देवेंद्र सिंह की मां और उनकी ताई रह गए थे और इन दोनों महिलाओं देवरानी-जेठानी ने बड़ी मेहनत मशक्कत से अपने बच्चों का पालन पोषण किया बड़ी मेहनत मशक्कत के साथ देवेंद्र सिंह और उसके भाई हरमन जोत को पढ़ाया लिखाया और आज दोनों बच्चे गांव और अपने इलाके का नाम रोशन कर रहे हैं,
दविंदर सिंह फौजी का बड़ा भाई हरमनजोत रोजगार के लिए अरब कंट्री में काम करता है और छुट्टियों में अपने गांव पंडोरी आया हुआ था
फौजी देवेंद्र सिंह और उसका बड़ा भाई हरमनजोत सिंह छोटी उम्र से ही कबड्डी और वॉलीबॉल के अच्छे प्लेयर थे और उन्होंने खेलों में बड़ी गिनती में तगमे (ट्रॉफीज) में भी प्राप्त किए हैं
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बरनाला के हलका महलकला के गांव पंडोरी में जन्मे स्वर्गीय बसंत सिंह के बेटे दविंदर सिंह बोपाराय इंग्लैंड सेना में भर्ती की खबर को लेकर पूरे गांव में खुशी का माहौल देखने को मिला आसपास के लोग बधाई देने के लिए घर पहुंच रहे हैं और परिवार का मुंह मीठा भी करवाया जा रहा है उस मौके दविंदर सिंह फौजी की मां और ताई जी ने अपने परिवार और अपने बच्चों के पालन पोषण के बारे में खास जानकारी देते कहा कि जब दविंदर की उम्र महज 5 साल थी तो उनके पिता की कैंसर की बीमारी से जूझते मौत हो गई थी और इस दौरान एक हादसे में देवेंद्र के ताया जी की भी मौत हो गई और उसके बाद हम दोनों देवरानी जेठानी ने मिलकर परिवार का पालन पोषण किया हम छोटे किसान हैं डेढ़ एकड़ जमीन में खेती-बाड़ी करते हैं और उसी से गुजर बसर करते बच्चों को पढ़ाया लिखाया और आज बच्चे कामयाब हो गए तो खुशी होती है
फौजी दविंदर सिंह के बड़े भाई हरमनजोत ने खुशी जाहिर बताया कि उसका छोटा भाई काफी मेहनती और पढ़ाई लिखाई में अच्छा था और दविंदर सिंह कबड्डी और वॉलीबॉल का अच्छा खिलाड़ी था बचपन से लेकर उन्होंने कबड्डी और वॉलीबॉल में बहुत तगमे, ट्राफियां जीती है अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के चलते अपनी पढ़ाई की और बाकी पढ़ाई के लिए इंग्लैंड स्टडी वीजा पर भेजा था वहां पर इंग्लैंड सेना की फौज की भर्ती निकाली जिसमें देवेंद्र सिंह ने अप्लाई किया और जिसमें आज वह इंग्लैंड सेना में भर्ती हो गया और उसकी जानकारी मिलते ही पूरे गांव में और परिवार में खुशी का माहौल है और फख्र महसूस होता है और आज उसने वहां की आर्मी फोर्सेस के टेस्ट क्लियर करके आर्मी जॉइन कर ली है जिससे आज हमारे परिवार का हमारे गांव का नाम ऊंचा किया है
मौके पर गांव के पंच ने भी इस परिवार को बधाई देते कहा कि आज इन परिवार के बच्चों की वजह से आज गांव का नाम पूरे पंजाब में लिया जा रहा है और इन परिवार ने हमेशा गांव में प्रेम भावना और एकजुट दिखाई है और हर परिवार में इनका पूरा मान सम्मान भी किया जाता है