हरियाणा नगर निगम कानून की मौजूदा धारा 13(1) अनुसार मेयर पद का उपचुनाव संभव नहीं ----एडवोकेट हेमंत कुमार
चंडीगढ़ -- मंगलवार 4 फरवरी को हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश के आठ नगर निगमों नामत: फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, मानेसर, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर के ताज़ा आम चुनाव एवं अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों में रिक्त मेयर पदों का उपचुनाव कराने का सम्पूर्ण चुनावी कार्यक्रम घोषित किया गया जिसके लिए मतदान अगले माह 2 मार्च 2025 ( पानीपत नगर निगम के लिए 9 मार्च) जबकि मतगणना 12 मार्च 2025 को होगी. अम्बाला नगर निगम की निवर्तमान मेयर शक्ति रानी शर्मा के पंचकूला जिले के कालका वि.स. हलके से और सोनीपत नगर निगम के तत्कालीन मेयर निखिल मदान के सोनीपत वि.स. सीट से गत वर्ष 8 अक्टूबर 2024 को भाजपा विधायक निर्वाचित होने कारण इन दोनों नगर निगमों के मेयर का पद गत चार माह से रिक्त है.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बुधवार 5 फरवरी को हरियाणा निर्वाचन आयोग को अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के रिक्त मेयर पदों को भरने के लिए उपचुनाव कराने की चुनावी प्रक्रिया आरम्भ करने के विरूद्ध कानूनी नोटिस भेज दिया है. उनका कानूनी तर्क है कि मौजूदा कानूनी प्रावधानों अनुसार हरियाणा में नगर निगम मेयर पद के लिए उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है. अगर फिर भी निर्वाचन आयोग ऐसा करता है, तो वह इसके विरूद्ध हाई कोर्ट में जन-हित याचिका अथवा रिट याचिका दायर कर इसे चुनौती देंगे.
हेमंत ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए आज फिर बताया कि अम्बाला और सोनीपत नगर निगम के रिक्त मेयर पद का उपचुनाव कराने में एक गंभीर कानूनी पेंच फंसा है. हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 13, जो नगर निगम मेयर और नगर निगम सदस्यों (जिन्हें आम तौर पर पार्षद कहते हैं हालांकि पार्षद शब्द हरियाणा नगर निगम कानून में नहीं है ) की रिक्त हुई सीटों को उपचुनाव द्वारा भरे जाने से संबंधित है, में चार वर्ष पूर्व दिसम्बर-2020 में प्रदेश विधानसभा द्वारा संशोधन कर (संभवत: भूलवश) ऐसा उल्लेख कर दिया गया था कि उक्त धारा के प्रावधान रिक्त हुए मेयर की पद पर लागू नहीं होंगे अर्थात इसका अर्थ यह है अगर प्रदेश में नगर निगम के मेयर का पद, बेशक वह किसी भी कारण से रिक्त हुआ हो, तो उसे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव द्वारा भरा नहीं जा सकता है.
उन्होंने आगे बताया कि हालांकि हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियम, 1994 के नियम संख्या 68 में, जो नगर निगम की रिक्त हुई सीटों को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव मार्फ़त भरने से सम्बंधित है, में ऐसा उल्लेख नहीं किया गया है कि रिक्त हुए मेयर पद को उपचुनाव द्वारा नहीं भरा जा सकता है. बहरहाल, इस सम्बन्ध में हेमंत ने बताया कि अगर किसी कानून में दिए गए स्पष्ट प्रावधान और उस कानून के अंतर्गत बनाये गए नियमों में विरोधाभास हो, तो उस परिस्थिति में कानून के प्रावधान लागू होंगे न कि जैसा कि नियमों में उल्लेख किया गया है. सुप्रीम कोर्ट और देश की विभिन्न हाई कोर्ट्स द्वारा दिए गए अनेकों फैसलों में भी स्पष्ट किया गया है.
बहरहाल, इसी के दृष्टिगत हेमंत का कानूनी मत है कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की उपरोक्त धारा 13 में पुनः उपयुक्त कानूनी संशोधन करके ही अम्बाला नगर निगम के मौजूदा रिक्त मेयर पद के लिए उपचुनाव संभव हो सकता है अन्यथा नहीं जोकि तत्काल तौर पर प्रदेश में सत्तासीन नायब सैनी सरकार द्वारा राज्यपाल से इस सम्बन्ध में एक अध्यादेश प्रख्यापित (जारी) करवाकर संभव है अथवा अगर ऐसा नहीं किया जाता तो उसे इसी माह फरवरी या संभवत: अगले माह मार्च में हरियाणा विधानसभा के आगामी बजट सत्र में विधेयक के तौर पर पेश कर सदन में पास कराकर एवं तत्पश्चात उस पर राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त होने से किया जा सकता है.
मौजूदा अम्बाला और सोनीपत नगर निगम, जिसके लिए चार वर्ष पूर्व दिसम्बर, 2020 में आम चुनाव हुए थे एवं जिसका औपचारिक गठन जनवरी, 2021 में नव-निर्वाचित मेयर और सभी 20 नगर निगम सदस्यों की शपथ ग्रहण से हुआ था , का कार्यकाल हालांकि जनवरी 2026 तक शेष हैं एवं इस कारण अगले वर्ष 2026 से पहले अम्बाला और सोनीपत नगर निगम के अगले आम चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं.