झज्जर: हरियाणा के गांव खेड़का गुज्जर में 24 अप्रैल 1955 को जन्मे डॉ. संतराम देशवाल 'सौम्य' शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता और अनुभव उन्हें एक आदर्श शिक्षक और विद्वान बनाते हैं।
डॉ. देशवाल ने हिन्दी और अंग्रेजी में एम.ए., एम.फिल., पी.एच.डी. और एल.एल.बी. की डिग्रियां हासिल कीं। साहित्य के प्रति उनकी गहन रुचि और समर्पण ने उन्हें हिन्दी भाषा के गहन अध्ययन और शिक्षण में विशेष स्थान दिलाया। उन्होंने लंबे समय तक सोनीपत के छोटूराम कॉलेज में हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दीं, जहां उनके छात्रों ने उन्हें एक कुशल शिक्षक और मार्गदर्शक के रूप में याद किया।
डॉ. देशवाल का योगदान न केवल शिक्षण तक सीमित रहा, बल्कि उन्होंने साहित्यिक लेखन और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सादगी और ज्ञान का सामंजस्य उन्हें 'सौम्य' व्यक्तित्व का प्रतीक बनाता है।
डॉ. संतराम देशवाल 'सौम्य' आज भी अपनी प्रेरणादायक यात्रा से शिक्षा और साहित्य प्रेमियों के लिए एक आदर्श बने हुए हैं।