नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि 2019 के बाद से विदेशों में हमलों में मारे गए भारतीय छात्रों की सबसे अधिक संख्या कनाडा में थी, उसके बाद अमेरिका का स्थान है। विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने भी उच्च सदन को बताया कि पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक हमले रूस और ब्रिटेन में हुए हैं।
विदेश मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 2019 और 2024 के बीच हमलों में 20 भारतीय छात्र मारे गए हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत मौतें कनाडा और अमेरिका में हुई हैं। कनाडा में नौ हमलों में नौ छात्र मारे गए हैं, जबकि अमेरिका में सात हमलों में सात छात्र मारे गए हैं। विदेशों में भारतीय छात्रों के खिलाफ हुए 58 हमलों में रूस सबसे ऊपर है, जहां 14 हमले हुए, हालांकि इनमें किसी की मौत नहीं हुई। ब्रिटेन दूसरे नंबर पर है, जहां भारतीय छात्रों के खिलाफ 12 हमले हुए, जिनमें एक की मौत हो गई।
अन्य देश जहां भारतीय छात्रों पर हमला किया गया है उनमें आयरलैंड (6), ऑस्ट्रेलिया (4), इटली (3), ईरान (1), चीन (1) और किर्गिज़स्तान (1) शामिल हैं। पिछले पांच सालों में जिस देश में सबसे ज़्यादा भारतीय छात्रों की मौत विभिन्न कारणों से हुई है, वह कनाडा है। इस साल अगस्त में विदेश मंत्रालय द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, उत्तरी अमेरिकी देश में 172 भारतीय छात्रों की मौत हुई। हमलों में मारे गए नौ छात्रों के अलावा, 163 भारतीय छात्रों की मौत चिकित्सा कारणों या दुर्घटनाओं के कारण हुई है।
लगभग 1.3 मिलियन भारतीय छात्र विदेश में अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें से सबसे अधिक लगभग 4, 27, 000 छात्र कनाडा में अध्ययन कर रहे हैं, इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया का स्थान है।