UP में आंदोलन कर रहे छात्र आधी लड़ाई जीत गये हैं, आगामी उपचुनाव में हार के डर से सरकार एक कदम पीछे हटी है! लेकिन छात्र अभी भी डटे हैं और RO/ARO भर्ती का नॉटिफ़िकेशन माँग रहे हैं। उनको अब तक प्रदर्शनकारी छात्रों की गिरफ़्तारी - झूठे मुक़दमे - लाठीचार्ज, और परीक्षा की शुचिता के सवाल का जवाब नहीं मिला है। एक सरकार जो परीक्षा सही से नहीं करा सकती, वह किस काम की? 9 अक्टूबर 2023 को RO/ARO परीक्षा का फ़ॉर्म आया, सालभर में एक बार पेपर लीक, एक बार कैंसिल और अब नॉर्मलाइज़ेशन के नाम पर भर्ती को कोर्ट केस में फँसाने की साज़िश है। हम युवाओं के भविष्य के लिए चिंतित हैं और उनके संघर्ष में हर कदम पर साथ हैं। सरकार तत्काल सभी सवालों का जवाब दे - RO/ARO की परीक्षा कब होगी? प्रदर्शन में शामिल छात्रों को गिरफ़्तार करके सरकार झूठे मुक़दमे में क्यों फँसा रही है? पेपर लीक और पेपर टालने की व्यवस्था कब बंद होगी?