Tuesday, January 07, 2025
 
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ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ / ਮੋਹਾਲੀ

Who will become the next head of Chandigarh BJP? Tandon, Sood, Saran or a new face: The central leadership brainstormed for two days,

January 05, 2025 06:38 AM

Chandigarh. At present, the BJP is focusing less on the mayor election and more on the selection of the party chief. Keeping this in mind, the election of chiefs has been done at the district, division and booth level. It is believed that the central leadership will elect the new chief of the party between 12 and 15 January. Two consecutive meetings have been held by the central leadership to decide who will be the next chief of the party. The seriousness of the chief election can be gauged from the fact that apart from National Organization Minister BL Santosh, National Election Incharge Rekha Verma and Chandigarh Incharge Atul Garg, other officials were also present in these meetings. It should also be mentioned here that the central leadership of the party has issued a notification for the chief election and handed over its responsibility to National Minister and MLA Narendra Raina. The seriousness of the chief election can also be gauged from the fact that the National Organization Minister himself has taken stock of everything by holding a meeting in Chandigarh.

The way the discussion is going on like a storm in the political corridors of Chandigarh city, it has become clear that before 15 January, the current party chief Jatinder Malhotra can be replaced and a new chief can be made to sit on the chair. After the meeting of the above mentioned big leaders of BJP, suitable names were sought from some factions for the post of chief. In this, apart from his name, Arun Sood has also suggested the name of Tajinder Singh Saran. It is being told in the discussion that Saran is not a permanent resident of Chandigarh, but it is being said that he is very close to Rajya Sabha member Satnam Singh Sandhu. There is also a lot of discussion that Tajinder Saran had organized a Lohri program in a five star hotel on January 3. Arun Sood played a big role in making this program successful politically. For this reason, apart from the top officials of the city, politicians also attended this program.

On the other hand, there is also a discussion that Sanjay Tandon has also suggested some names for the post of Pradhan, which includes the names of Shakti Devshali and Ravi Sharma. In case the names of these two are not considered, Sanjay Tandon has also suggested his own name for the post of Pradhan. However, it will be interesting to see that Sanjay Tandon has been the party Pradhan for many years. In such a situation, what decision does the BJP central leadership take regarding his names. This is in the womb of the future.

Recently, in a meeting called by the central leadership of BJP, BJP vice-president Ramveer Bhatti, former mayor and current councillor Anoop Gupta, spokesperson Dhirendra Tayal, former general secretary Chandrashekhar and Avi Bhasin have advocated their own names for the Pradhani candidature and not anyone else's. Now it remains to be seen which leader's name the party approves for the Pradhani candidature and which faction will be successful in showing strength.

 

In this way, BJP is less serious about the mayor election and more serious about the party chief candidate. If sources are to be believed, the central BJP wants to make such a leader the chief who is completely neutral or does not belong to any one faction. Because it was said about Jatinder Malhotra that he will prove to be a new face and not from any one faction. But Malhotra has been branded as Sanjay Tandon. There is also a discussion that if Malhotra is made the chief again, then Sanjay Tandon's faction will benefit in the upcoming 2026 Municipal Corporation elections. Because in the MC elections, Tandon will be able to get tickets for his favourites as per his wish.


चंडीगढ़। भाजपा में फिलहाल मेयर चुनाव पर कम और पार्टी प्रधान के चयन पर अधिक फोकस किया गया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए जिला, मंडल और बूथ स्तर पर प्रधानों का चुनाव हो चुका है। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से 12 से 15 जनवरी तक पार्टी के नए प्रधान को चुन लिया जाएगा। पार्टी का अगला प्रधान कौन होगा, इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से लगातार दो मीटिंग हो चुकी हैं। प्रधानी चुनाव की गंभीरता का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय चुनाव प्रभारी रेखा वर्मा और चंडीगढ़ प्रभारी अतुल गर्ग के अलावा अन्य पदाधिकारी इन बैठकों में शामिल रहे थे। यहां यह भी बता दें कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से प्रधान चुनाव के लिए बकायदा नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय मंत्री एवं विधायक नरेंद्र रैना को सौंप दी गई है। प्रधानी चुनाव की गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि राष्ट्रीय संगठन मंत्री खुद चंडीगढ़ में मीटिंग कर सभी तरह का जायजा ले चुके हैं।

चंडीगढ़ शहर के राजनीतिक गलियारों में जिस प्रकार से बिजली की तरह चर्चा चल रही है। इससे साफ हो गया कि 15 जनवरी से पहले ही वर्तमान पार्टी प्रधान जतिंदर मल्होत्रा को बदल कर नए प्रधान को कुर्सी पर बैठाया जा सकता है। पिछले दिनों भाजपा के उक्त बड़े नेताओं की हुई बैठक के बाद कुछ धड़ों से प्रधान पद के लिए उपयुक्त नाम मांगे गए थे। इसमें अरुण सूद ने अपने नाम के अलावा तजिंदर सिंह सरां का भी नाम सुझाया है। चर्चा में यहां तक बताया जा रहा है कि सरां चंडीगढ़ के स्थायी निवासी नहीं हैं, लेकिन राज्य सभा सदस्य सतनाम सिंह संधू के काफी नजदीकी हैं, ऐसा कहा जा रहा है। इस बात की भी बेहद चर्चा है कि तजिंदर सरां ने तीन जनवरी को एक पांच सितारा होटल में लोहड़ी कार्यक्रम रखा था। इस कार्यक्रम को राजनीतिक तौर पर सफल बनाने के लिए अरूण सूद ने बड़ी भूमिकाएं निभाई थी। इसी कारण से इस कार्यक्रम में शहर के आला अधिकारियों के अलावा राजनेता पहुंचे थे।

वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि संजय टंडन ने भी प्रधान पद के लिए कुछ नाम गिनाए हैं, जिनमें शक्ति देवशाली और रवि शर्मा का नाम शामिल है। इन दोनों के नामों पर विचार नहीं किए जाने की स्थिति में संजय टंडन ने प्रधानी के लिए खुद का नाम भी सुझा दिया है। हालांकि यह देखने वाली बात होगी संजय टंडन काफी सालों तक पार्टी प्रधान रहे हैं। ऐसे में उनके नामों को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व क्या निर्णय लेता है। यह भविष्य के गर्भ में है।

पिछले दिनों भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से बुलाई गई बैठक में भाजपा उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी, पूर्व मेयर और वर्तमान पार्षद अनूप गुप्ता, प्रवक्ता धीरेंद्र तायल, पूर्व महामंत्री चंद्रशेखर और अवि भसीन ने किसी और का नहीं बल्कि अपने अपने नामों की पैरवी प्रधानी उम्मीदवारी को लेकर की है। अब यह देखने वाली बात है कि प्रधानी की उम्मीदवारी को लेकर किस नेता के नाम पर पार्टी मुहर लगाती है और कौन सा धड़ा मजबूती दिखाने में सफल होगा।

इस प्रकार से भाजपा मेयर चुनाव पर कम और पार्टी प्रधानी उम्मीदवार को लेकर ज्यादा गंभीर है। वहीं सूत्रों की मानें तो केंद्रीय भाजपा ऐसे नेता को प्रधान बनाना चाहती है, जो एकदम न्यूट्रल हो या फिर किसी एक गुट का न हो। क्योंकि जतिंदर मल्होत्रा को लेकर कहा गया था कि वो किसी एक गुट से न होकर नया चेहरा साबित होगा। पर मल्होत्रा पर संजय टंडन का ठप्पा लग चुका है। चर्चा में इस बात को लेकर भी जोर है कि यदि मल्होत्रा को फिर से प्रधान बनाया गया तो संजय टंडन गुट को आने वाले वर्ष 2026 नगर निगम चुनाव में फायदा मिलेगा। क्योंकि एमसी चुनाव में टंडन अपने मन के हिसाब से अपने चहेतों टिकट दिला सकेंगे।

 

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